Rameshwaram Cafe Success Story: साधारण शुरुआत से 18,800 करोड़ का ब्रांड

0 Amar Wakode

रामेश्वरम कैफ़े Success Story: साधारण शुरुआत से 18,800 करोड़ का ब्रांड


बेंगलुरु की गलियों में आज एक ऐसा नाम गूंज रहा है जिसने लाखों दिलों को जीत लिया है – रामेश्वरम कैफ़े। जब भी स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय भोजन की बात आती है, तो इस कैफ़े का नाम सबसे पहले लिया जाता है। गरमागरम डोसा की खुशबू, प्यारी सी मुस्कान के साथ सर्विस और एक परिवार-सा माहौल, यही है इसकी असली पहचान। लेकिन इस लोकप्रियता के पीछे एक बेहद प्रेरणादायक कहानी छिपी हुई है, जिसे रचने वाले हैं – Raghavendra Rao और Divya Rao

2021 से शुरू हुआ एक अनोखा सफर

साल 2021 में इस दंपति ने मिलकर रामेश्वरम कैफ़े की नींव रखी। शुरुआत छोटे स्तर पर हुई, लेकिन सपनों के साथ कोई समझौता नहीं किया गया। तीन ही सालों में इस ब्रांड ने बेंगलुरु के चार बड़े इलाकों – इंदिरानगर, जेपी नगर, ब्रुकफील्ड और राजाजीनगर में अपनी पहचान बनाई। इसके अलावा हैदराबाद के माधापुर में भी एक आउटलेट खोला गया।


आज इस कैफ़े का मासिक टर्नओवर लगभग 4.5 करोड़ रुपये है और मार्केट वैल्यूएशन हैरान कर देने वाला 18,800 करोड़ रुपये। यह कहानी बताती है कि अगर मेहनत और ईमानदारी हो तो सफलता कितनी भी ऊँचाइयों तक पहुंच सकती है।


स्वाद में कभी समझौता नहीं

रामेश्वरम कैफ़े की सबसे बड़ी खूबी इसकी क्वालिटी है। Divya Rao ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे खाने में कभी भी बेकिंग सोडा का इस्तेमाल नहीं करते। हर डिश में सिर्फ शुद्ध घी का उपयोग होता है और कृत्रिम फ्लेवरिंग तो उनके लिए एकदम ‘ना’ है। यही वजह है कि ग्राहकों को यहाँ का स्वाद हमेशा एक जैसा और असली लगता है।


सुबह 6:30 बजे से रात 1 बजे तक 700 से अधिक कर्मचारी ग्राहकों की सेवा करते हैं। रोज़ाना लगभग 7,500 बिल प्रोसेस होते हैं और 70 प्रतिशत का प्रभावशाली ग्रॉस मार्जिन हासिल होता है।

रामेश्वरम कैफ़े Success Story: साधारण शुरुआत से 18,800 करोड़ का ब्रांड

संघर्ष से सफलता तक

Raghavendra Rao का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। एक समय ऐसा भी था जब वे एक्टिंग के सपनों में खोकर रेलवे स्टेशन पर सोते थे और स्लम में जिंदगी बिताते थे। उन्होंने अपना इंजीनियरिंग डिग्री तक बीच में छोड़ दिया था, लेकिन बाद में फिर से हिम्मत जुटाकर 10 साल की मेहनत से डिग्री पूरी की। इसी दौरान होटल इंडस्ट्री में काम करने का अनुभव उन्हें भविष्य की दिशा दे गया।


दूसरी ओर, Divya Rao एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं, जिनकी आमदनी करोड़ों में थी। लेकिन उन्होंने अपने परिवार और सुरक्षित करियर की परवाह न करते हुए पति के साथ खाने-पीने का बिजनेस शुरू करने का बड़ा फैसला लिया। यह कदम उनके परिवार को गलत लगा, लेकिन Divya ने अपनी आंतरिक आवाज और Raghavendra के जज़्बे पर भरोसा किया।


आज का साम्राज्य

आज यह जोड़ी सिर्फ बिजनेस पार्टनर नहीं बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है। रामेश्वरम कैफ़े का वार्षिक कारोबार 50 से 54 करोड़ रुपये के बीच पहुँच चुका है। इसके फ्रेंचाइज़ी मॉडल की लागत 10 से 15 लाख रुपये है और फ्रेंचाइज़ी फ़ीस 2 से 3 लाख रुपये के बीच है। यानी आने वाले समय में यह कैफ़े और भी बड़े पैमाने पर फैलने वाला है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञों की सलाह लेना आवश्यक है।


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